Pm आवास योजना बंद, हो गई बडी गडबडी
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ‘आवास प्लस 2024’ के माध्यम से सर्वे किए गए परिवारों का भौतिक सत्यापन अब जिला प्रशासन की विशेष टीमों द्वारा शुरू किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत प्रत्येक पंचायत में घर-घर जाकर लाभार्थियों की पात्रता की गहन जांच की जाएगी। इसमें परिवारों के आधिकारिक दस्तावेजों, उनकी वर्तमान आय और आवास की मौजूदा स्थिति का मिलान किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि योजना का लाभ केवल वास्तविक जरूरतमंदों को ही मिले।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सत्यापन की यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता और विभागीय गाइडलाइन के अनुसार संपन्न होगी। प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के अनुसार, अपात्र पाए गए परिवारों के नाम सूची से तुरंत हटा दिए जाएंगे और पात्र परिवारों की एक नई प्रतीक्षा सूची तैयार की जाएगी। इस वर्ष प्रखंड स्तर पर व्यापक सर्वे किया गया है, जिसमें हजारों परिवारों का डेटा आवास प्लस ऐप पर अपलोड किया गया है। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह नियम बनाया गया है कि जिस कर्मी ने सर्वे किया है, वह उस संबंधित पंचायत में सत्यापन का कार्य नहीं.
सत्यापन के लिए तीन स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। पंचायत स्तर पर दो सदस्यीय टीम घर-घर जाकर जांच करेगी, जबकि प्रखंड स्तर पर बीडीओ स्वयं 10% डेटा की जांच करेंगे। इसके अलावा, जिला स्तर पर डीडीसी की अध्यक्षता वाली समिति 2% रैंडम सत्यापन करेगी। यह बहुस्तरीय जांच प्रणाली इसलिए अपनाई गई है ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे और निष्पक्ष रूप से पात्रों का चयन हो सके।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत यह सर्वे लगभग 6 वर्षों के अंतराल के बाद किया जा रहा है। इससे पहले 2018-19 में पात्र परिवारों की सूची तैयार की गई थी। बीते वर्षों में कई नए परिवार बने हैं और कई पुराने पात्र परिवार पिछली सूची में शामिल होने से छूट गए थे। इस पुन: सर्वे और सत्यापन का मुख्य उद्देश्य उन सभी वास्तविक पात्र परिवारों को योजना से जोड़ना है जो अब तक इस लाभ से वंचित रहे हैं।